जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने जिस आकाशगंगा को कैप्चर किया है, उसका नाम वुल्फ-लंडमार्क-मेलोट (डब्लूएलएम) (Wolf–Lundmark–Melotte (WLM)) है। यह एक बौनी आकाशगंगा है। इसे सबसे पहले साल 2016 में स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कॉप की मदद से देखा गया था। हालांकि जेम्स वेब ने जो तस्वीर खींची है, उसमें काफी स्पष्टता नजर आती है।
How it started ➡️ How it’s going
These images demonstrate Webb’s remarkable ability to resolve faint stars in nearby dwarf galaxy Wolf-Lundmark-Melotte (WLM). On the right is Webb’s brand new image, and on the left is Spitzer’s view: pic.twitter.com/9V6ppr4hoe
— NASA Webb Telescope (@NASAWebb) November 9, 2022
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, WLM आकाशगंगा की गैस उसी के समान है जिसने प्रारंभिक ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं का निर्माण किया था। यह आकाशगंगा हमारी आकाशगंगा से 10 गुना छोटी है। दिलचस्प बात यह है कि WLM आकाशगंगा की खोज साल 1909 में कर ली गई थी। इसका श्रेय ‘मैक्स वुल्फ’ को जाता है। यह आकाशगंगा हमारी मिल्की-वे (Milky Way) के करीब है, लेकिन कुछ हद तक अलग-थलग है। रटगर्स यूनिवर्सिटी (Rutgers University) के क्रिस्टन मैकक्विन के अनुसार, यह आकाशगंगा बाकी सिस्टमों के साथ इंटरेक्ट नहीं करती। हालांकि हाल के समय में इसमें तारों का निर्माण शुरू हुआ है, इसीलिए वैज्ञानिक इसे स्टडी करना चाहते हैं। खगोलविद यह ऑब्जर्व कर सकते हैं कि बौनी आकाशगंगाओं में तारे कैसे बनते और विकसित होते हैं
बात करें जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की, तो यह अंतरिक्ष में तैनात अबतक का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है। एजेंसी ने पिछले साल दिसंबर में इसे लॉन्च किया था। जेम्स वेब के निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) की लागत आई है। यह दूरबीन डीप स्पेस की कई शानदार तस्वीरें दिखा चुकी है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।