सैमसंग की योजना दक्षिण भारत की फैक्टरी में टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने की है। यह देश में टेलीविजन भी बनाती है और इसने स्मार्टफोन्स के लिए OLED पैनल बनाने की तैयारी की है। भारत में चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का मार्केट शेयर बढ़ रहा है। एपल और सैमसंग जैसी ग्लोबल स्मार्टफोन कंपनियों को चाइनीज ब्रांड्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। देश में मैन्युफैक्चरिंग से इन दोनों कंपनियों को अपना मार्केट शेयर बढ़ाने और चाइनीज स्मार्टफोन मेकर्स का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। सैमसंग को टेलीकॉम इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। भारत में किसी कंपनी को टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने से पहले यह स्वीकृति लेनी जरूरी होती है।
देश की दो बड़ी टेलीकॉम सर्विस कंपनियों से सैमसंग नेटवर्क्स को टेलीकॉम इक्विपमेंट के लिए ऑर्डर भी मिले हैं। सैमसंग ने देश में सितंबर और अक्टूबर के दौरान लगभग 14,400 करोड़ रुपये के स्मार्टफोन्स बेचे हैं। कंपनी ने मौजूदा वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में स्मार्टफोन्स की प्रीमियम कैटेगरी में लगभग 99 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है। जनवरी से सितंबर के दौरान कंपनी के 5G स्मार्टफोन्स की बिक्री में 178 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कंपनी की यह ग्रोथ पिछले वर्ष के फेस्टिव सीजन की तुलना में डबल डिजिट में है। बिक्री में बढ़ोतरी के बड़े कारणों में कंपनी की स्कीम Samsung Finance Plus शामिल थी। बड़े शहरों के साथ ही टियर 2 और 3 शहरों में बिक्री में तेजी आई है। कंपनी ने स्मार्टफोन्स के 30,000 रुपये से अधिक प्राइस वाले वाले प्रीमियम सेगमेंट में वैल्यू के लिहाज से लगभग 99 प्रतिशत की ग्रोथ की है। कंपनी का कहना है कि S22 और फोल्डेबल फोन्स की बदौलत देश में सैमसंग प्रीमियम सेगमेंट का सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड है। जुलाई-सितंबर की अवधि में सैमसंग वॉल्यूम के लिहाज से 18 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ भारत में दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी थी।
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