वैज्ञानिकों का मानना है कि एलियंस से संपर्क होने की स्थिति में पृथ्वीवासी मानसिक रूप से इतने कमजोर होंगे कि वो एलियंस से कम्युनिकेट नहीं कर पाएंगे। बीबीसी की ड्रामा डॉक्यूमेंट्री ‘फर्स्ट कॉन्टैक्ट: एन एलियन एनकाउंटर’ में इस बात की पड़ताल की गई है कि अगर इंसानों को एलियंस के मौजूद होने का सबूत मिल जाए तो क्या हो सकता है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि एलियंस से संपर्क के बाद इंसान और एलियंस के बीच भाषा की बाधा समेत कई बड़े मुद्दे सामने आ सकते हैं।
मैनचेस्टर में जोडरेल बैंक सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के डायरेक्टर, प्रोफेसर माइकल गैरेट ने कहा कि एलियंस के इलाके में कई और चीजें भी हो सकती हैं, जिनकी क्षमता का कोई अंदाजा नहीं है। यह कुछ ऐसा है जैसे चींटियां, इंसानों से संवाद करने की कोशिश कर रही हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में एक खगोल जीवविज्ञानी डॉ लुइसा प्रेस्टन ने कहा कि उन्हें यकीन है हम चींटियों की तरह हैं। इंसानों ने अपने सोचने की क्षमता को लेकर अपने अहंकार को बढ़ाया है। अगर हमारे 4.5 अरब वर्षों की तुलना ब्रह्मांड के 13.8 अरब साल से की जाए, तो संभावना है कि हम ‘चींटियां’ हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एलियंस हमसे बहुत आगे हो सकते हैं। ऐसे में उनके साथ संवाद के लिए गणित अहम जरिया बन सकता है।
एलियंस को लेकर दुनियाभर के देशों में शोध हो रहे हैं। अमेरिका की सरकार भी एलियंस और UFO यानी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स के बारे में जानने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अज्ञात हवाई घटनाओं (UAP) से जुड़ी स्टडी में भाग लेने के लिए 16 लोगों का चयन किया है। UAP जिसे अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग फिनॉमिना कहा जाता है, वह UFO का ही रीब्रैंड वर्जन है। रिसर्च के तहत अनक्लासिफाइड डेटा का इस्तेमाल करके एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे अगले साल सार्वजनिक किया जाएगा।