हम सभी यह जानते और समझते हैं कि तंबाकू प्रोडक्‍ट्स का धूम्रपान (Smoking) स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है। सरकारी प्रचार-प्रसार ने यह बात घर-घर तक पहुंचाई है। इसके बावजूद धूम्रपान करने वाले आदत से बाज नहीं आते। बदलते वक्‍त के साथ कुछ लोगों ने इसका विकल्‍प निकाल लिया, लेकिन धूम्रपान करना नहीं छोड़ा। विकल्‍प बनी हैं, ई-सिगरेट (e-cigarette) युवाओं और महिलाओं के बीच खूब लोकप्रिय हैं। ई-सिगरेट इस्‍तेमाल करने वाले लोग और बाकी अन्‍य भी यही सोचते हैं कि इसके साइड इफेक्‍ट्स नहीं हैं। ई-सिरगेट हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को कोई नुकसान नहीं पहुंचातीं, यह भम्र दिमाग से निकालने का समय आ गया है। एक रिसर्च में बताया गया है कि ई-सिगरेट की वजह से भी हेल्‍थ रिस्‍क बढ़ जाते हैं।   

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मैथ्यू स्प्रिंगर (Matthew Springer) के नेतृत्व में यह स्‍टडी की गई है। कैलिफोर्निया के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की ओर से फंड किए गए रिसर्चर्स की टीम ने ई-सिगरेट से होने वाले नुकसान का पता लगाया है। टीम ने 21 से 50 आयु वर्ग के 120 लोगों को अपने शोध में शामिल किया। इनमें से 42 लोग नियमि‍त रूप से ई-सिगरेट पीते थे। 28 लोग तंबाकू सिगरेट पीते थे, जबकि 50 लोग सिगरेट नहीं पीते थे। 

रिसर्चर्स ने शोध में पाया कि तंबाकू सिगरेट स्‍मोक करने वाले और ई-सिगरेट पीने दोनों तरह के लोगों की रक्‍त वाहिकाओं (blood vessels) में सूजन बढ़ रही थी। ये लोग ब्‍लड क्‍लॉट के हाई-रिस्‍क में थे। रक्‍त वाहिकाओं के फंक्‍शन को मापने के लिए रिसर्चर्स ने अल्‍ट्रासाउंड की मदद ली औेर सिगरेट नहीं पीने वालों की रक्‍त वाहिकाओं की तुलना तंबाकू सिगरेट और ई-सिगरेट पीने वालों की रक्‍त वाहिकाओं से की। पता चला की धूम्रपान करने वालों की रक्‍त वाहिकाएं कम एक्‍सपेंड हो रही थीं। 

कुल मिलाकर रिसर्च इस नतीजे पर पहुंची हैं कि ई-सिगरेट के भी नुकसान हैं और इसे पीने से स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े खतरे बढ़ जाते हैं। स्‍टडी में शामिल हुए ज्‍यादा लोग ई-सिगरेट के पहले के मॉडलों का इस्‍तेमाल कर रहे थे। रिसर्चर्स का कहना है कि ई-सिगरेट का स्‍वास्‍थ्‍य पर और कितना असर पड़ता है, यह समझने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है। ई-सिगरेट पीने वाले ऐसे लोगों को भी परखने की जरूरत है, जो मार्केट में पॉपुलर मॉडल यूज कर रहे हैं।  
 

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