रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आकृति मंगल ग्रह की मौसमी हलचलों की वजह से बनी है। दरअसल, इस साल की शुरुआत में रोवर ने एक नुकीली चट्टान का निर्माण होते हुए देखा था। मंगल ग्रह पर बहने वाली तेज हवाओं के कारण सतह पर मिट्टी का क्षरण हो रहा था, जिससे चट्टान बन रही थी। क्यूरियोसिटी रोवर ने जब माउंट शार्प के आसपास के क्षेत्र में तस्वीरें लेना शुरू किया, तो यह इमेज सामने आई।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, क्यूरियोसिटी रोवर अपने मास्ट कैमरा की मदद से इमेजेस को कैप्चर करता है। बाद में इन इमेजेस को मिलाकर पैनारॉमा फुटेज क्रिएट की जाती है। मास्ट कैमरा में दो सेंसर लगे हुए हैं। इनमें से एक मॉडरेट रेजॉलूशन वाला लेंस है, जबकि दूसरा हाई-रेजॉलूशन कैमरा है, जो दूर तक दिखाई देने वाली चीजों को कैमरे में कैद करता है।
क्यूरियोसिटी रोवर मंगल ग्रह के बारे में आए दिन नई जानकारियां दे रहा है। कुछ अजीब तस्वीरों को छोड़ दें, तो यह रोवर कई तरह के टेस्ट भी अंजाम दे रहा है। कुछ महीने पहले क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह कार्बन सिग्नेचर खोजे थे, हालांकि अभी यह साबित नहीं हो सका है कि वहां कभी जीवन हुआ करता था। इसके बावजूद संभावनाएं बढ़ी हैं। अभी यह रोवर मंगल की सतह से उसके सैंपल जुटा रहा है। इनमें से कई सैंपल्स की जांच में वैज्ञानिकों को पता चला है कि कुछ सैंपल इस ग्रह पर जीवन के संकेत देते हैं। हालांकि यह लंबी रिसर्च का विषय है, जिस और कई और पुख्ता प्रमाण की जरूरत होगी।