न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 3 महीनों बाद सोयुज कैप्सूल की वापसी हो पाई है। वह बिना क्रू के पृथ्वी पर लौटा है, जिसमें दो घंटों का वक्त लगा। सोयुज ने मंगलवार दोपहर बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से कुछ सौ किलोमीटर दूर कजाख स्टेपी में लैंड किया। यह स्पेस लॉन्च प्रोग्राम के लिए रूस की प्रमुख जगह है। कैप्सूल की लैंडिंग को रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने लाइव टेलिकास्ट किया।
सोयुज से कूलेंट लीक क्यों हुआ, इसकी जांच अभी भी जारी है। शुरुआत में इसकी वजह सूक्ष्म उल्कापिंड (micrometeorites) के प्रभाव को बताया था। कहा गया था कि कोई छोटा उल्कापिंड, स्पेसक्राफ्ट से टकराया होगा। बाद में पता चला कि सोयुज कैप्सूल में एक छोटा सा छेद है। इसके बाद फैसला किया गया कि जो भी अंतरिक्ष यात्री सोयुज पर सवार होकर आईएसएस पर पहुंचे थे, उन्हें दूसरे मिशनों से वापस लाया जाएगा। सोयुज को बिना चालक दल के पृथ्वी पर लैंड कराया जाएगा।
रूसी स्पेस एजेंसी और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) जांच कर रहे हैं कि सोयुज में कूलेंट लीक क्यों हुआ। पिछले साल जिस वक्त सोयुज में कूलेंट लीक का पता चला था कि तब दो रूसी अंतरिक्ष यात्री अपनी स्पेसवॉक के लिए तैयार हो रहे थे। दोनों यात्रियों को स्पेसवॉक कैंसल करनी पड़ी थी।
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