नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी एस्टरॉयड ट्रैक करती है। कोई एस्टरॉयड जब पृथ्वी से 75 लाख किलोमीटर से कम की दूरी की ओर बढ़ने लगता है नासा इसके लिए अलर्ट जारी करती है। आज भी एक एस्टरॉयड पृथ्वी की दिशा में करीब आ रहा है। इसका नाम 2016 LK49 है। जैसा कि इनके नाम से पता चलता है, इसे पहली बार 2016 में देखा गया था। इसकी स्पीड जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
एस्टरॉयड 2016 LK49 के बारे में कहा गया है कि यह 69,876 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। यानि कि इसकी रफ्तार लगभग 70 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह एक बड़े हवाई जहाज के आकार का है। जब यह धरती के करीब से गुजरेगा तो दोनों के बीच की दूरी 6,660,000 किलोमीटर होगी, जो सबसे करीबी बिंदु होगा।
नासा के अनुसार, अभी तक 7 लाख 30 हजार से ज्यादा एस्टरॉयड खोजे जा चुके हैं जिनमें से 16000 एस्टरॉयड पृथ्वी और उसके आसपास मौजूद हैं। नासा इन्हें नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (near earth object) भी कहती है, यानि कि ऐसे खगोलीय पिंड, जो लगातार पृथ्वी के आसपास मंडरा रहे हैं। NASA ने इन 16 हजार एस्टरॉयड में से 1784 एस्टरॉयड को संभावित रूप से पृथ्वी के लिए खतरनाक घोषित किया है। नासा इनकी स्टडी कर रही है। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक ये उसी पदार्थ के बने हैं जिससे कि हमारा पूरा सौरमंडल बना हुआ है, इसलिए इनकी स्टडी करना महत्वपूर्ण खोज मानी जाती है।
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