पटना के राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में दस दिवसीय आयोजित संस्कृत संभाषण कार्यशाला का समापन बुधवार को किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ मनोज कुमार ने किया और संयोजक डॉ ज्योत्सना ने किया।

मुख्य प्रशिक्षक डॉ मुकेश कुमार ओझा ने छात्रों को सामान्य भाषा में संस्कृत में वार्तालाप करने के संदर्भ में मार्गदर्शन दिया।

मार्गदर्शन के आलोक छात्रों ने वार्तालाप से सबंधित अपना अपना प्रस्तुति दिया। इस प्रस्तुति पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को चयनित किया गया।

वार्तालाप में प्रथम स्थान गिरधारी कुमार झा और चिंटू कुमार, द्वितीय स्थान पर विभा पाल एवं तृतीय स्थान पर सरिता कुमारी और देवेश कुमार रहे।

उक्त अवसर पर सांत्वना पुरस्कार भी वितरित किया गया। सांत्वना पुरस्कार विद्योतमा पाल, संभव चतुर्वेदी एवं मुकेश कुमार झा को दिया गया। कार्यक्रम में राघवेंद्र संस्कृत महाविद्यालय नौबतपुर की वीणा शर्मा एवम डॉ विशाल कुमार, महंथ केशव संस्कृत महाविद्यालय,फतुहा के उपेंद्र चौधरी एवम निंबार्क कृष्ण, माधवानंद संस्कृत महाविद्यालय, धनामठ के सुजीत सौरव, ब्रजभूषण संस्कृत महाविद्यालय, गया के जितेंद्र कुमार, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय पटना के प्रो उमेश शर्मा, डॉ शिवानंद शुक्ल, डॉ ज्योत्सना, विवेक कुमार तिवारी, अलका कुमारी आदि शिक्षक उपस्थित थे, जिन्हें प्रमाण पत्र भी दिया गया।

संस्कृत के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय पटना का यह प्रयास सराहनीय है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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