पटना, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्था नवशक्ति निकेतन का एक शिष्ट मंडल महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से राज्यपाल भवन में मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कालजयी शायर शाद अजीमाबादी की स्मृति , रक्षा हेतु कारगर पहल करने तथा राज्य में क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट
संघों के वर्चस्व की लड़ाई से निजात दिलाने की मांग की गयी।
शायर शाद़ अज़ीमाबादी स्मृति मे मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्याशित शाद अजीमाबादी पाक बनाने उनके मजार परिसर में शाद अजीमाबादी संग्रहालय खोलने शाद अजीमाबादी पथ का शीलापट्ठ लगाने वृत्त चित्र लगाने एवं स्मारक डाक टिकट जारी करने का अनुरोध किया गया।
राज्य के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए नियमित लीग मैच आयोजित कराने तथा क्रिकेट संघों की आपसी वर्चस्व की लड़ाई से निजात दिलाने की मांग की गई। भीषण गर्मी में गुटो द्वारा लीग मैच आयोजित करवाए जा रहे हैं। क्रिकेट के खिलाड़ी राज्य के बाहर के टीमों से खेलने से बाध्य किए जा रहे हैं। उनकी प्रतिभाएं प्रोत्साहन एवं संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रही है।
निकेतन के महासचिव श्री कमलनयन श्रीवास्तव के नेतृत्व मे मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में क्रीडा सचिव एहसान अली अशरफ शारीफ अहमद रंगरेज शाद अजीमाबादी के प्रपौत्र डॉक्टर निसार अहमद शामिल थे निकेतन की तरफ से महामहिम को ज्ञापन तथा शाद अजीमाबादी पर प्रकाशित पुस्तकें समर्पित की गई महामहिम ने शिष्टमंडल की बातें ध्यान से सुने और इस विषय में सरकार से बात कर कारगर पहल करने का भरोसा दिलाया।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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