09 अगस्त, 2024, पटना
महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा जेंडर बजटिंग पर राज्य स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया जिसमें 21 विभागों के प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यशाला का उद्घाटन निगम की प्रबंध निदेशक बन्दना प्रेयषी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि “जेंडर बजटिंग के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए आवंटित संसाधनों का प्रभावी और न्यायसंगत उपयोग हो। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” श्री वर्मा ने बताया कि जेंडर बजटिंग का मुख्य उद्देश्य बजट प्रक्रिया में महिलाओं और पुरुषों की जरूरतों को समान रूप से महत्व देना है। इससे न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी बल्कि समाज के सभी वर्ग को विकास का लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रतिभागियों को जेंडर बजटिंग की बेहतर समझ विकसित होगी और आप अपने क्षेत्रों में इस महत्वपूर्ण पहल को प्रभावी ढंग से लागू कर सकेंगे।
कार्यशाला के दौरान सेंटर फॉर कैटालाइजिंग ऑफ चेंज की जेंडर इंटीग्रेशन श्रीमती गुंजन बिहारी ने जेंडर और समता की व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए जेंडर बजट के श्रेणी A (100% तक व्यय महिलाओं पर ) और श्रेणी B (30% तक व्यय महिलाओं पर) में वर्गीकरण को समझाया । उनके द्वारा राज्य में जेंडर रेस्पॉन्सिव बजट के वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24 के आबंटन और व्यय के स्थिति पर प्रकाश डाला गया । उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिहार सरकार ने महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं जिसके माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास किया जा रहा है।
निगम के जी.आर.सी. के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजेश कुमार प्रज्जवल ने अपने उद्बोधन में जेंडर बजटिंग के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार यह प्रक्रिया न केवल महिलाओं बल्कि पूरे समाज के विकास में सहायक हो सकती है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों और केस स्टडीज के माध्यम से यह समझाया कि जेंडर बजटिंग किस प्रकार से नीति निर्माण और बजट आवंटन में न्यायसंगतता और समावेशिता सुनिश्चित कर सकती है। कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा प्रतिभागियों को जेंडर विश्लेषण के उपकरण और तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. आतिफ रब्बानी, सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, डीसी कॉलेज हाजीपुर, बी.बी.ए.बीयू, मुजफ्फरपुर ने “विकास में लिंग को मुख्य धारा में लाना” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किया । उन्होंने बताया कि विकास के सभी पहलुओं में महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानताओं को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने लिंग मुख्यधारा के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को सुधारने पर बल दिया गया। डॉ. रब्बानी ने कहा कि जेंडर बजटिंग का उद्देश्य बजट आवंटन और नीति निर्माण में लिंग संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है, जिससे समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिल सकें। उन्होंने विकास के विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढाया जा सके ।
श्री नंद किशोर मेहता, अवर सचिव, वित्त विभाग, बिहार ने बजटिंग प्रक्रिया में जेंडर परिप्रेक्ष्य के समावेशन की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे नीतिगत सुधार और सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।
डॉ. बरना गांगुली, वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर, बी.आई.पी.एफ.पी, वित्त विभाग, बिहार, ने जेंडर बजटिंग के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए डेटा विश्लेषण, मॉनिटरिंग और मूल्यांकन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि जेंडर बजटिंग केवल वित्तीय आवंटन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें विभिन्न सामाजिक और आर्थिक कारकों को शामिल किया जाता है जो महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं।
महिला एवं बाल विकास निगम की प्रबंध निदेशक श्रीमती बन्दना प्रेयषी ने कहा महिलाओं के खिलाफ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय बजट में जेंडर उत्तरदायी बजटिंग (Gender Responsive Budgeting- GRB) को अंगीकार किया है । जिसका मुख्य उद्देश्य राजकोषीय नीतियों के माध्यम से लिंग संबंधी चिंताओं का समाधान करना है। निगम के प्रबंध निदेशक के द्वारा जेंडर बजट में गत वित्तीय वर्ष के व्यय और अगले वित्तीय वर्ष के आबंटन का विभागवार समीक्षा किया गया एवं इसको और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिया । उन्होंने बताया कि जल्द ही उन सभी विभागों को जेंडर बजट में शामिल किया जायेगा जो विभाग अब तक जेंडर बजट में आबंटन एवं व्यय नहीं कर रहें हैं । ताकि स्टेट ग्रॉस डाटा में जेंडर बजट के प्रतिशत को बढाया जा सके ।
महिला एवं बाल विकास निगम के निदेशक ने प्रतिभागियों के सक्रिय सहभागिता एवं इस विषय के जानकारों का आभार व्यक्त किया ।