कुसमाही क्षेत्र में भी निर्माण पर रोक लगाई जाती है, लेकिन चढ़ावा देकर लोग कर रहे हैं।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) की महायोजना को शासन से अभी मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन इस बीच बहुत से लोग जमीनें खरीद लीं और अब वे घर बनवाने के लिए जोड़-तोड़ कर रहे हैं। जैसे ही निर्माण कार्य शुरू हो रहा है, जीडीए के अभियन्ता और कर्मचारी काम को रोकवा दे रहे हैं।
उनका तर्क है कि अधिसूचना जारी हो गई है, इसलिए भवन का रेखांकन जरूरी है। लेकिन, आवेदन करने पर नक्शा नहीं बन रहा है। इसके अलावा अन्य सभी ऐसे भी हैं, जो चढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें निर्माण की खुली छूट है। इसके प्रमाण बने हुए हैं नए क्षेत्र में महा रोजगार पास होने से पहले बन रहे मकान। बहरहाल, डर के मन में यह है कि कहीं भी बिना कार्ड के पास बने घर बनवा लिए और बुलडोजर चल गया तो उनकी गाढ़ी कमाई डूब जाएगी।
पीपीगंज कस्बे के वार्ड चार, दीनदयाल नगर निवासी उमाशंकर पाठक पिछले दिसंबर माह में गोलीगंज के पास भैयाराम में सोनौली हाइवे किनारे अपना घर बनवा रहे थे। वे छत्रछाया की तैयारी कर रहे थे। तभी जीडीए के कर्मचारी पहुंच गए। कहा कि बिना नक्शा पास किए काम नहीं होगा। उमाशंकर दो दिनों तक वह प्रतीक्षा करते रहे। इसके बाद उनसे एक बिचौलिए ने कहा कि कुछ ले-देकर काम हो जाएगा। बाद में जब महा योजना लागू होगी तो नक्शा बनवाएगा।
पीड़ित ने अपनी बात नहीं उठाई तो कुछ दिनों के बाद जीडीए की ओर से अवैध निर्माण कार्य की सूचना पहुंची। 29 मार्च को अपना पक्ष जीडीए में रखने के बाद उन्होंने अपना काम रोक दिया। अकेले उमाशंकर पाठक ही नहीं, अन्य कई लोग भी परेशान हैं। कुछ लोगों ने अपना निर्माण कार्य ठप कर दिया है तो कुछ महायोजना 2031 लागू होने का इंतजार कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: गोरखपुर में बड़ा हादसा : भर-भराकर गिरी निर्माणधीन बिल्डिंग, दो मजदूर दबे, हालत गंभीर