चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और मूवमेंट की क्षमता के प्रदर्शन के लिए चंद्रयान 2 के बाद चंद्रयान 3 को लॉन्च किया जाना है। ISRO के चेयरमैन, S Somnath ने बताया कि चंद्रयान 3 को जुलाई में लॉन्च किया जाएगा। ISRO ने सेकेंड जेनरेशन सैटेलाइट सीरीज के NVS-01 को सफलता से जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट में पहुंचाया है। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDC SHAR) से जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल ने NVS-01 को सोमवार को लॉन्च किया।
सोमनाथ ने कहा, “सबक बहुत आसान है। पिछली बार से सीखें और आपकी जितना क्षमता के अनुसार जितना संभव हो उसे करें। नाकामियां हो सकती हैं। किसी रॉकेट के नाकाम होने के हजार कारण होते हैं। यह मिशन भी नाकाम हो सकता था लेकिन हमें वह करना होगा जो करने की जरूरत है।” चंद्रयान 3 मिशन में देश में डिवेलप किया गया एक लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है। इस वर्ष की शुरुआत में स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए ISRO और ग्लोबल सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft ने एक एग्रीमेंट किया था। इसके तहत इन स्टार्टअप्स को टेक्नोलॉजी, मार्केट से जुड़ी मदद और मेंटरिंग के जरिए मजबूत बनाया जाएगा।
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया था कि इस पार्टनरशिप से देश में उभरते हुए स्पेस टेक्नोलॉजी इनोवेटर्स और आंत्रप्रेन्योर्स को आगे बढ़ाने की ISRO की योजना में मदद मिलेगी। इससे इन स्टार्टअप्स को अपने कारोबार को चलाने के लिए टेक्नोलॉजी से जुड़े टूल्स और रिसोर्सेज का मुफ्त एक्सेस प्राप्त होगा। ISRO का कहना था कि माइक्रोसॉफ्ट के साथ पार्टनरशिप से स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को सैटेलाइट डेटा के एनालिसिस और प्रोसेसिंग में मदद मिलेगी और वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे रिसोर्सेज का इस्तेमाल कर सकेंगे। टेक्नोलॉजी के एक्सेस के अलावा माइक्रोसॉफ्ट की ओर से स्पेस इंजीनियरिंग से लेकर क्लाउड टेक्नोलॉजीज, प्रोडक्ट और डिजाइन, फंड जुटाने और मार्केटिंग के लिए भी इन स्टार्टअप्स को मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
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