तिरुवनंतपुरम फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को एक व्यक्ति को दो साल पहले एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में आठ साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और ₹35,000 का जुर्माना लगाया।
विशेष न्यायाधीश आज सुदर्शन ने आरोपी को धारा 9 (एम) (12 साल से कम उम्र के बच्चे पर यौन उत्पीड़न) और बच्चों के संरक्षण की धारा 11 (आई) (यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी पाए जाने के बाद 32 वर्षीय सुधी के खिलाफ फैसला सुनाया। यौन अपराध (पॉक्सो) अधिनियम से। सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कोर्ट ने जुर्माने की रकम पीड़िता को मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया।
विशेष सरकारी वकील विजय मोहन आरएस के नेतृत्व में अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 18 फरवरी, 2021 को वेंजारामूडु पुलिस थाने की सीमा के तहत हुई थी। आरोपी ने बच्ची का यौन शोषण किया, जो कि उसकी पड़ोसी थी, जब वह अपने घर से पेशाब करने के लिए निकली थी। आंगन पर। सुधी ने बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची को उसके माता-पिता ने पड़ोसी के घर में कैद पाया, जो उसकी अनुपस्थिति को देखकर उसकी तलाश में गए थे।
अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों की जांच की और 18 दस्तावेज और तीन भौतिक वस्तुएं पेश कीं।