इंसान पड़ा ज़मीन पर,
लोग समझे मर गया,
अब तक था सफर में,
अब वो अपने घर गया ।
जीने से मरने का सफर,
जीने से मरने का सफर,
तेरा ही कर्म कहलायेगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
भर तू तिजोरी में दौलत,
वो भी न ले जा पायेगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
तेरा ही करम, तेरा ही करम,
तुझे राजा या रंक बनाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
रावण कि नाभि का अमृत,
रावण कि नाभि का अमृत,
भी न तुझको बचाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
दिखा दे थोड़ी रेहमत,
भर दे थोड़ी मोहब्बत,
मरने के बाद भी,
तू अमर कहलायेगा,
लोगों के दिल में,
तू अपना घर बनाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।