क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन) के सदस्यों ने वायु प्रदूषण के ठोस समाधान पर जोर दिया
मुजफ्फरपुर, 24 मई, 2021 : सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने मुजफ्फरपुर जिले में वायु प्रदूषण की समस्या पर चर्चा और बेहतर समाधान के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसका मकसद स्वच्छ एवं स्वस्थ वायु के समर्थन में लोगों की आवाजों और सुझावों को सामने लाना था। इस वेबिनार में मुजफ्फरपुर शहर के लिए बनायी गयी स्वच्छ वायु कार्य योजना (क्लीन एयर एक्शन प्लान) की कमियों को दुरूस्त करने और कैन के जरिए वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सुदृढ़ रणनीतियों को अमल में लाने के लिए विस्तार से चर्चा की गयी। परिचर्चा में सीड के ‘क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क’ (कैन) के बैनर तले मुजफ्फरपुर के 40 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिक समूहों ने स्वच्छ एवं सांस लेने योग्य हवा बहाल करने के लिए साथ मिल कर काम करने का संकल्प लिया।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम) के दिशानिर्देशों के अनुरूप पिछले वर्ष 2020 में बिहार सरकार द्वारा मुजफ्फरपुर के लिए सिटी क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार किया गया था। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत साल 2024 तक वायु प्रदूषण को 20-30 प्रतिशत तक कम करना है। हालांकि, एक साल बीत जाने के बाद भी मुजफ्फरपुर में जमीनी स्तर पर ज्यादा काम देखने को नहीं मिला है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में मुजफ्फरपुर में हवा की गुणवत्ता खराब पाई गई है। पिछले तीन महीनों के दौरान प्रदूषित कणों यानि पार्टिकुलेट मैटर्स 2.5 की सघनता तय मानक से ज्यादा थी। जैसे, मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रेट में पीएम 2.5 का औसत मासिक संकेन्द्रण 208.9 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जबकि बुद्धा कॉलोनी में यह 86.3 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पाया गया। गत फरवरी और मार्च में मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रेट में पीएम 2.5 का औसत संकेन्द्रण 177.9 और 121.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तथा बुद्धा कॉलोनी में 94.7 और 63.0 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था।
राज्य सरकार से क्लीन एयर एक्शन प्लान को अविलंब लागू करने की अपील करते हुए सीड में सीनियर प्रोग्राम अफसर अंकिता ज्योति ने कहा कि ‘यह योजना मुजफ्फरपुर शहर में बेहतर वायु गुणवत्ता कायम करने के लिहाज से बेहद जरूरी है, लेकिन उचित कार्यान्वयन और निगरानी भी महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि एक्शन प्लान के तहत बनाई जाने वाली मॉनिटरिंग कमिटी में स्थानीय सिविल सोसाइटी संगठनों की समुचित भागीदारी हो, ताकि ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा वायु प्रदूषण पर चर्चा और समाधान के माध्यम से सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा स्वच्छ हवा में सांस लेने के अधिकार के विषय पर साथ मिल कर काम करना आवश्यक है। क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन) इस दिशा एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।’
इस अवसर पर कैन-मुज़्ज़फ़रपुर से जुड़े और जन निर्माण केंद्र संस्था संस्था के राकेश कुमार सिंह ने. कहा कि ‘शहर में स्वच्छ हवा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी लोगों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वच्छ वायु कार्य योजना के क्रियान्वयन में सिविल सोसाइटी संगठनों को सक्रिय रूप से जोड़े जाने की जरूरत है, ताकि स्थानीय चिंताओं, जरूरतों और मांगों के मद्देनज़र समाधान के प्रभावी कदम उठाए जायें। क्लीन एयर एक्शन पालन की प्रभावशीलता को बढ़ाने में और एक समूह के रूप में कैन वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाएगा।’
सीड ने स्वच्छ हवा के लिए नागरिक समूहों, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, मीडिया, कम्युनिटी लीडर्स और सिविल सोसाइटी संगठनों को एक साथ लाकर एक मंच ‘क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन)’ बनाया है। बिहार में कैन के बैनर तले 150 से अधिक संगठन सक्रिय हैं और क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी समाधान के लिए कैन को उन महत्वपूर्ण जिलों और शहरों में भी स्थापित किया गया है, जहां वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा है या फिर वे राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत चुने गए शहरों की सूची में आते हैं। सीड द्वारा आयोजित इस बेबीनार में रौशन चैधरी,मोनू कुमार , मुकेश, सोनू राय, उमा शंकर सिंह, सुबोध गुप्ता , अमरेंद्र जी, ज्ञानेंद्र मिश्रा, अपूर्वा श्रीवास्तव, हेमंत कुमार, संध्या कुमारी सहित 35 लोंगों ने इस मीटिंग में भाग लिया।
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