बिहार के मुंगेर जिले के तारापुर में भारत के ब्रिटिश उपनिवेशवादियों की सबसे क्रूर, अमानवीय पुलिस कार्रवाई देखी गई। 15 फरवरी 1932 को लगभग 400 प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई थी। गैर-भरोसेमंद औपनिवेशिक रिकॉर्ड के अनुसार, अमानवीय ब्रिटिश सरकार की इस औपनिवेशिक क्रूरता में 31 या 34 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। https://indianexpress.com/article/explained/sacrifice-34-freedom-fighters-tarapur-bihar-shahid-diwas-7777147/

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

3 thoughts on “बिहार का जलियांवाला बाग क्या था? तारापुर नरसंहार”
  1. इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना की याद ताज़ा कराने के लिए धन्यवाद। सभी शहीदों को सादर नमन।

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