अधिकारियों ने बताया कि EV को शामिल करने की योजना को फाइनल करने से पहले व्हीकल्स से जुड़ी सेना की जरूरत और दुर्गम स्थानों पर इनके इस्तेमाल जैसे पहलुओं पर विचार किया जाएगा। सेना की यूनिट्स में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़े इकोसिस्टम में मदद के लिए चार्जिंग प्वाइंट्स जैसे जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, “EV चार्जिंग स्टेशंस में कम से कम एक फास्ट चार्जर और दो से तीन स्लो चार्जर होंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक सर्किट केबल्स और पर्याप्त लोड क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर्स को रखा जाएगा।” सेना जल्द ही 60 इलेक्ट्रिक बसों का शुरुआती टेंडर जारी करेगी।
कुछ महीने पहले सेना ने डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़ा प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें टाटा मोटर्स और रिवोल्ट मोटर जैसी कंपनियों ने अपने EV के बारे में जानकारी दी थी। हाल ही में सेना के बेड़े में देश में निर्मित नया आर्मर्ड व्हीकल Kalyani M4 शामिल किया गया है। Bharat Forge ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान के लिए सेना को इस व्हीकल की 16 यूनिट्स भेजी हैं। यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट आर्मर्ड पर्सोनल कैरियर है। कंपनी का दावा है कि इस व्हीकल में सवार लोगों को ग्रेनेड ब्लास्ट जैसे कई खतरों से सुरक्षा मिलती है।
Kalyani M4 एक क्विक रिएक्टिंग फाइटिंग व्हीकल (हेवी) है जो पूरे साजो सामान के साथ एक इनफैंटरी प्लैटून को ले जाने में सक्षम है। कंपनी ने बताया कि इस व्हीकल ने देश में बहुत मुश्किल परिस्थितियों में कई चुनौतीपूर्ण ट्रायल को सफलता से पूरा किया है। इनमें लेह और लद्दाख में बर्फबारी और रेगिस्तान में भीषण गर्मी शामिल हैं। इसकी रेंज 800 किलोमीटर की है, जिससे मुश्किल स्थानों पर भी सैन्य ताकत को न्यूनतम समय में पहुंचाने में मदद मिलेगी। यह मॉडर्न मिलिट्री-ग्रेड पावर इंजन से लैस है। यह पहियों के नीचे 10 kg TNT तक के विस्फोट और एक साइड पर 50 किलोग्राम तक के IED ब्लास्ट का सामना कर सकता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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