भारत मे अक्सर आपने सुना होगा कि फलां होटल मे रेड पड़ी और बहुत सारे लोग देह व्यापार मे पकड़े गए , मगर अब यह आप नही सुन पाएंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने पुलिस को यह निर्देश दिया की सेक्स वर्क करती हुई महिलाओं के मामले मे हस्तक्षेप न करें, पुलिस को यह अधिकार नही की वो उससे उनका प्रोफेशन पूछे ।

article 142 of the indain contitution
बता दे की संविधान का आर्टिकल 142 सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाने का अधिकार देता है इसका मतलब है , मेरे वचन ही है शासन यह डायलॉग आपको बाहुबली फिल्म मे सुनने को मिलेगा होगा दरअसल यह डायलोग इसी आर्टिकल से उठाया गया है।
AG Perarivalan] 5 takeaways from Supreme Court judgment on Governor's power  to grant remission
तीन सदस्यों वाली बेंच ने यह फैसला लिया है L Nageswar Rao, b.r gawai और A.S Bopana उन्होंने सरकार को कहा है 6 हफ्तों के भीतर एक पैनल बनाइये और वो इसको कैसे लागू करेंगे इसपर निर्णय ले   27 जुलाई 2022 तक का समय दिया है | साथ यह निर्देश भी दिया की सेक्स वर्कर को आधार कार्ड इश्यू किया जाए । सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया की कोई भी स्त्री अगर स्वेक्षा से इस प्रोफेशन को चुनती है तो यह गैरकानूनी नही । यह अधिकार उन्हें आर्टिकल 21 से पहले ही प्राप्त है साथ ही उन्होंने कहा की साथ ही कोर्ट ने यह भी टिपन्नी की देह व्यापार करवाना इलीगल है मतलब कोई भी एजेंट या करवाने वाला दोषी है , स्वेक्षा से करना लीगल माना जाएगा ।
अगर कोई बच्चा किसी सेक्स वर्कर के साथ रहता है तो पुलिस उसे अलग नहीं कर सकती | मीडिया को ऐसे मामले मे किसी का भी आइडेंटिटी disclose भी नहीं कर सकते |
sex worker data
देशभर मे 1100 रेड लाइट एरिया है करीब 28 लाख सेक्स वर्कर हैं इनके 54 लाख बच्चे हैं | 
आप मे से बहुत सारे लोग यह भी कह सकते हैं इससे तो सेक्स वर्क को बढ़ावा मिलेगा मगर बड़ा सवाल यह भी है की क्या उन्हें सुरक्षा और अधिकार नहीं मिलना चाहिए |
क्या इसको लीगल करने से क्या बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों मे कमी नहीं आएगी !
हर कानून के कुछ बुरे और अच्छे प्रभाव पर सकते हैं, 
आपकी क्या राय है इसपर हमे कमेंट बॉक्स मे बताये |

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