प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर गोटा अपने गांव जाओ शिविर स्थापित किया है

 

कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका में राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर मुख्य समुद्री तट पर डटे प्रदर्शनकारियों ने अब अपना विरोध-प्रदर्शन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के कार्यालय तक बढ़ा दिया है, क्योंकि उन्होंने राजपक्षे परिवार के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने की मांग तेज कर दी है। श्रीलंका में सरकार के पास महत्वपूर्ण आयात के लिए पैसे नहीं बचने, आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने और ईंधन, दवाओं व बिजली की आपूर्ति में भारी कमी आने के बीच हजारों प्रदर्शनकारी नौ अप्रैल को सड़कों पर उतर आए थे। राष्ट्रपति सचिवालय के सामने सड़क पर जारी विरोध-प्रदर्शन मंगलवार को 18वें दिन में प्रवेश कर गया, जिसके तहत राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके 76 वर्षीय बड़े भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की जा रही है।

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर गोटा अपने गांव जाओ शिविर स्थापित किया है। अब विरोध को गति देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के कार्यालय सह आवास टेंपल ट्रीज के पास महिंदा अपने गांव जाओ शिविर बनाया है। इससे पहले, कोलंबो मजिस्ट्रेट अदालत ने विरोध-प्रदर्शन के पास विरोध-प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए पुलिस आदेश जारी करने से इनकार कर दिया था। राजपक्षे परिवार पर विदेशी मुद्रा संकट से गलत तरीके से निपटने के चलते इस्तीफा देने का दबाव है, जिसने द्वीपीय देश को उसके सबसे बुरे आर्थिक संकट में डाल दिया।

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को आर्थिक संकट के लिए परिवार की जवाबदेही तय करने की मांग को लेकर बढ़ते विरोध-प्रदर्शन के बीच अपने बड़े भाई चमल और भतीजे नमल को मंत्रिमंडल से हटाना पड़ा था। गोटबाया राजपक्षे पर अंतरिम सरकार बनाने का भी दबाव है। उन्होंने कहा है कि वह सरकार की कमान किसी ऐसे समूह को सौंप देंगे, जो 225 सदस्यीय संसद में 113 सांसदों का समर्थन जुटाने में सक्षम हो, लेकिन राष्ट्रपति पद से नहीं हटेंगे। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भी पिछले हफ्ते जोर देकर कहा था कि उनके नेतृत्व के बिना उन्हें इस्तीफा देने या अंतरिम सरकार के गठन की अनुमति देने की कोई जरूरत नहीं है। राजपक्षे बंधुओं से 19ए संवैधानिक संशोधन को भी बहाल करने की मांग की जा रही है, जिसे 2015 में राष्ट्रपति की शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए अमल में लाया गया। 2020 में गोटबाया के राष्ट्रपति बनने के बाद संसद पर राष्ट्रपति पद को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए 19ए को रद्द कर दिया गया था।

By Aware News 24

Aware News 24 भारत का राष्ट्रीय हिंदी न्यूज़ पोर्टल , यहाँ पर सभी प्रकार (अपराध, राजनीति, फिल्म , मनोरंजन, सरकारी योजनाये आदि) के सामाचार उपलब्ध है 24/7. उन्माद की पत्रकारिता के बिच समाधान ढूंढता Aware News 24 यहाँ पर है झमाझम ख़बरें सभी हिंदी भाषी प्रदेश (बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, मुंबई, कोलकता, चेन्नई,) तथा देश और दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबरों के लिए आज ही हमारे वेबसाइट का notification on कर लें। 100 खबरे भले ही छुट जाए , एक भी फेक न्यूज़ नही प्रसारित होना चाहिए. Aware News 24 जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब मे काम नही करते यह कलम और माइक का कोई मालिक नही हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है । आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे। आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं , वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलता तो जो दान दाता है, उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की, मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो, जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता. इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए, सभी गुरुकुल मे पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे. अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ! इसलिए हमने भी किसी के प्रभुत्व मे आने के बजाय जनता के प्रभुत्व मे आना उचित समझा । आप हमें भीख दे सकते हैं 9308563506@paytm . हमारा ध्यान उन खबरों और सवालों पर ज्यादा रहता है, जो की जनता से जुडी हो मसलन बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सिक्षा, अन्य खबर भी चलाई जाती है क्योंकि हर खबर का असर आप पर पड़ता ही है चाहे वो राजनीति से जुडी हो या फिल्मो से इसलिए हर खबर को दिखाने को भी हम प्रतिबद्ध है.

4 thoughts on “श्रीलंका: राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर गोटा अपने गांव जाओ लिखा”
  1. Excellent read, I just passed this onto a friend who was doing a little research on that. And he just bought me lunch because I found it for him smile Therefore let me rephrase that: Thank you for lunch! “One who’s our friend is fond of us one who’s fond of us isn’t necessarily our friend.” by Geoffrey F. Albert.

  2. It’s a pity you don’t have a donate button! I’d most certainly donate to this fantastic blog! I suppose for now i’ll settle for bookmarking and adding your RSS feed to my Google account. I look forward to new updates and will talk about this site with my Facebook group. Talk soon!

  3. Fantastic web site. Lots of useful information here. I am sending it to several friends ans additionally sharing in delicious. And of course, thank you in your sweat!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *