मुख्य घटनाक्रम:
- नियुक्ति: मनोज कुमार वर्मा ने मंगलवार (17 सितंबर, 2024) को कोलकाता के नए पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: उन्होंने डॉक्टरों के प्रदर्शन के बाद कई प्रशासनिक बदलावों की घोषणा की, जिसमें उत्तर कोलकाता के उपायुक्त (डीसी) विनीत गोयल और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण शामिल हैं।
मनोज कुमार वर्मा की पृष्ठभूमि:
- आईपीएस अधिकारी: 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी।
- माओवादी विद्रोह का अनुभव: वामपंथी शासन के दौरान दक्षिण-पश्चिमी बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र में माओवादी विद्रोह से निपटने का अनुभव।
- महत्वपूर्ण भूमिका: 2011 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की मुठभेड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सांप्रदायिक और राजनीतिक झड़पें: बैरकपुर आयुक्तालय में आयुक्त के रूप में कार्य किया, जब क्षेत्र में सांप्रदायिक और राजनीतिक झड़पें हुईं।
वर्तमान संकट:
- पुलिस में विश्वास बहाल करना: वर्मा को एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद तथा आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर भीड़ के हमले के बाद कोलकाता पुलिस में लोगों का विश्वास बहाल करने की चुनौती का सामना करना होगा।
- जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन: इस महीने की शुरुआत में जूनियर डॉक्टरों ने लालबाजार पुलिस मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था और विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की थी।
प्रशासनिक बदलाव:
- विनीत गोयल: अब पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल में अतिरिक्त महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के पद पर कार्य करेंगे।
- अभिषेक गुप्ता: 9 अगस्त को डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना के बाद उत्तर डिवीजन के डीसी के पद से हटाकर ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स की दूसरी बटालियन का कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया।
- दीपक सरकार: डीसी, उत्तर के पद पर नियुक्त किए गए।
- अभिजीत मंडल: पूर्व ताला पुलिस स्टेशन प्रभारी, जिन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ और एफआईआर दर्ज करने में देरी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार से मुलाकात की गई और उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की गई।
संक्षेप में: मनोज कुमार वर्मा कोलकाता पुलिस के नए आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए हैं। यह नियुक्ति हाल की विवादित घटनाओं और पुलिस की भूमिका पर बढ़ती चिंताओं के बीच की गई है। वर्मा को एक अस्थिर स्थिति से निपटने और कोलकाता पुलिस में जनता का विश्वास बहाल करने की चुनौती का सामना करना होगा।