अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) को निरस्त किए जाने की पांचवीं वर्षगांठ पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को इस कदम को देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया, जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में प्रगति और समृद्धि का एक नया युग शुरू हुआ।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार उनके लिए काम करती रहेगी और आने वाले समय में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करेगी।’’ उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों को खत्म करने का मतलब है कि भारत के संविधान को इन स्थानों पर अक्षरशः लागू किया गया है, जो संविधान बनाने वाले महान पुरुषों और महिलाओं की दृष्टि के अनुरूप है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से महिलाओं, युवाओं, पिछड़े, आदिवासी और हाशिए पर पड़े समुदायों को सुरक्षा, सम्मान और अवसर मिला है, जो विकास के लाभ से वंचित थे। साथ ही, इससे यह भी सुनिश्चित हुआ है कि दशकों से जम्मू-कश्मीर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है।”
मोदी सरकार ने 2019 में इसी दिन तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले इन अनुच्छेदों को रद्द कर दिया था, जिसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में भी विभाजित किया गया था।