कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, ऑनलाइन बिजनेस-टु-कंज्यूमर प्लेटफॉर्म्स रखने वाली Flipkart Internet का लॉस बढ़कर 4,399 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर में 2,907 करोड़ रुपये का था। इसमें फ्लिपकार्ट ग्रुप की फर्मों Myntra और Instakart का प्रदर्शन शामिल है। बिजनेस-टु-बिजनेस यूनिट Flipkart India (पहले Walmart India) का लॉस भी बढ़ा है। इसे 3,413 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जो इससे पहले फाइनेंशियल ईयर में 2,445.6 करोड़ रुपये का था। हालांकि, फ्लिपकार्ट की नेट इनकम पिछले फाइनेंशियल ईयर में लगभग 20 प्रतिशत बढ़कर 61,836 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इसमें Flipkart India का योगदान 51,176 करोड़ रुपये और Flipkart Internet का लगभग 10,660 करोड़ रुपये है।
फ्लिपकार्ट का संयुक्त रेवेन्यू फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में 51,465 करोड़ रुपये रहा। इसमें Flipkart India और Flipkart Internet की हिस्सेदारी क्रमशः 43,349 करोड़ रुपये और 8,116 करोड़ रुपये की थी। इस बारे में कंपनी को भेजे गए प्रश्न का उत्तर नहीं मिला। मार्केट रिसर्च फर्म Redseer ने बताया कि देश में फेस्टिव सीजन के दौरान कुल सेल्स में कंपनी रही है।
सितंबर में हुई फेस्टिव सेल के पहले सप्ताह में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की कुल सेल्स में से फ्लिपकार्ट ने लगभग 24,800 करोड़ रुपये की ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू हासिल की थी। कंपनी ने कस्टमर्स को प्रोडक्ट्स की कैश ऑन डिलीवरी ऑर्डर पर हैंडलिंग फीस लगानी शुरू की है। फ्लिपकार्ट की वेबसाइट और ऐप पर यूजर के कैश ऑन डिलीवरी (COD) ऑप्शन को चुनने पर 5 रुपये की फीस दिख रही है। फ्लिपकार्ट पर अभी विशेष प्राइस रेंज के प्रोडक्ट्स के लिए शिपिंग कॉस्ट चुकानी पड़ती है। Flipkart Plus निशान वाले प्रोडक्ट की ऑर्डर वैल्यू 500 रुपये से कम होने पर 40 रुपये की डिलीवरी फीस देनी होती है। हालांकि, वास्तविक कॉस्ट सेलर पर निर्भर करती है। ऑर्डर की वैल्यू 500 रुपये से अधिक होने पर शिपिंग कॉस्ट नहीं लगती। फ्लिपकार्ट की वेबसाइट पर बताया गया है कि सभी COD ऑर्डर्स पर 5 रुपये की फीस ली जाएगी और इसमें डिलीवरी फीस शामिल नहीं होगी।
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